Sundar Kand - Shri Ramcharitmanas

सुंदरकाण्ड रामचरितमानस का पांचवा अध्याय है, जो 16वीं सदी के कवि तुलसीदास द्वारा रचित रामायण का काव्यात्मक पुनर्कथन है। सुंदर कांड को हनुमानजी के भक्तों के लिए बहुत शुभ और लाभदायक माना जाता है, क्योंकि इसमें उनकी बुद्धि, साहस, भक्ति, और सफलता का प्रदर्शन होता है।

सुंदरकाण्ड की कुछ प्रमुख घटनाएँ इस प्रकार हैं:

  • हनुमानजी का लंका जाना, जहां उन्हें अपने रास्ते में विभिन्न बाधाएँ और चुनौतियाँ का सामना करना पड़ता है।
  • हनुमानजी का विभीषण से मिलना, जो रावण के भाई होने के बावजूद श्रीराम के पक्ष में हैं और हनुमानजी को उनके धर्म का पालन करने में मदद करते हैं।
  • हनुमानजी का अशोक वाटिका में सीता से मिलना, जहां वे उन्हें श्रीराम की अंगूठी देते हैं, जो उनके प्रेम और आश्वासन का प्रतीक है। वे सीता से एक आभूषण भी प्राप्त करते हैं, जो उनकी सुरक्षा का संकेत है।
  • हनुमानजी का अक्षय कुमार के साथ युद्ध करना, जो उन्हें पकड़ने की कोशिश करता है। हनुमानजी उसे और कई अन्य राक्षसों को मार डालते हैं।
  • हनुमानजी का लंका जलाना, जब रावण उन्हें सजा के रूप में उनकी पूंछ में आग लगाता है। हनुमानजी इस मौके का फायदा उठाकर दुश्मन की कई इमारतों और महलों को नष्ट कर देते हैं।
  • हनुमानजी का श्रीराम के पास लौटना, जहां वे सीता का संदेश और आभूषण पहुंचाते हैं। वे श्रीराम को लंका की स्थिति और रावण की सेना की ताकत के बारे में भी बताते हैं।

  1. मंगलाचरण
  2. हनुमानजी का लंका को प्रस्थान, सुरसा से भेंट, छाया पकड़ने वाली राक्षसी का वध
  3. लंका वर्णन, लंकिनी वध, लंका में प्रवेश
  4. हनुमानजी-विभीषण संवाद
  5. हनुमानजी का अशोक वाटिका में सीताजी को देखकर दुःखी होना और रावण का सीताजी को भय दिखलाना
  6. श्री सीता-त्रिजटा संवाद
  7. श्री सीता-हनुमानजी संवाद
  8. हनुमानजी द्वारा अशोक वाटिका विध्वंस, अक्षय कुमार वध और मेघनाद का हनुमानजी को नागपाश में बाँधकर सभा में ले जाना
  9. हनुमानजी-रावण संवाद
  10. लंकादहन
  11. लंका जलाने के बाद हनुमानजी का सीताजी से विदा माँगना और चूड़ामणि पाना
  12. समुद्र के इस पार आना, सबका लौटना, मधुवन प्रवेश, सुग्रीव मिलन, श्री राम-हनुमानजी संवाद
  13. श्री रामजी का वानरों की सेना के साथ चलकर समुद्र तट पर पहुँचना
  14. मंदोदरी-रावण संवाद
  15. रावण को विभीषण का समझाना और विभीषण का अपमान
  16. विभीषण का भगवान्‌ श्री रामजी की शरण के लिए प्रस्थान और शरण प्राप्ति
  17. समुद्र पार करने के लिए विचार, रावणदूत शुक का आना और लक्ष्मणजी के पत्र को लेकर लौटना
  18. दूत का रावण को समझाना और लक्ष्मणजी का पत्र देना
  19. समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध और समुद्र की विनती, श्री राम गुणगान की महिमा